Himanshu Kumar

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -05-Nov-2021

शामों का काम ढलना है , ये ढलेगी  ही 

हवाओ का काम चलना है , ये चलेगी ही 
जुल्फों  की तो ये फितरत है , ये उड़ेगी ही 
इंसानों की फितरत है , ये कमी निकालेंगे ही 

लोग क्या कहेंगे ये सोचना छोड़  
लोगो का क्या है वो तो बोलेंगे ही 
अच्छा करो तो भी 
बुरा करो तो भी 
ना करो तो भी 

इस शाम की तरह बनो 
जो जनता है , आने से उसके होगा अँधेरा 
लेकिन वो अपना काम कर रहा 

   7
12 Comments

Seema Priyadarshini sahay

06-Nov-2021 04:22 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Himanshu Kumar

06-Nov-2021 05:44 PM

sukriya

Reply

Niraj Pandey

06-Nov-2021 01:37 PM

बहुत खूब

Reply

Himanshu Kumar

06-Nov-2021 05:44 PM

dhanywaad ji

Reply

बहुत खूब 👌👌

Reply

Himanshu Kumar

06-Nov-2021 05:44 PM

bahut bahut sukriya

Reply